न घबराए कैंसर को, जानिए उपचार
कैंसर शरीर के किसी भी भाग मे एक गांठ के रूप मे दिन-प्रतिदिन बढ़ने वाली बीमारी है. इसका उपचार करते समय यह ध्यान देना ज़रूरी है की इसका इलाज स्थानीय उपचार करने के साथ-साथ पूरे शरीर को दोषमुक्त बनाने के लिए करना चाहिए. इस रोग से बचने के लिए जैसे ही इसके लक्षण पता चले तुरन्त ही इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए. कैंसर रोग होने के लक्षण
- कैंसर रोगी व्यक्ति को खांसी या गले मे बार-बार घरघराहट होती रहती है.
- रोगी के शरीर का वजन दिन-प्रतिदिन गिरने लगता है.
- भूक कम लगने लगती है.
- शरीर मे कही घाव हो जाता है तो उसका घाव जल्दी ठीक नही होता है.
- कैंसर रोगी के शरीर मे किसी भी भाग मे एक गांठ बन जाती है और यह गांठ दिन प्रतिदिन बढ़ने लगती है.
- रोगी व्यक्ति जब मलत्याग (शौच करना) करता है तो उसके मल से कुछ मात्रा मे खून तथा मदाव भी निकलने लगता है.
- कैंसर रोगी व्यक्ति को सबसे पहले उसके शरीर पर स्थानीय उपचार के साथ पूरे शरीर का उपचार करना चाहिए ताकि उसका शरीर दोषमुक्त होना चाहिए.
- रोगी व्यक्ति को नींबू के रस का पानी पीकर उपवास रखना चाहिए और इसके बाद कुछ दिनों तक केवल अंगूर का रस पीना चाहिए. 6 महीने तक अंगूर रस लगातार पिए तो उसे बहुत अधिक लाभ होता है.
- फलों का रस पीकर कुछ दिनों तक उपवास रखे. जैसे संतरे का रस, नारियल पानी, अनन्नास का रस, गाजर का रस, तुलसी के पत्तों का रस, दूब का रस, गेहू या ज्वरी का रस, पालक का रस, टमाटर का रस, पतागोबी का रस, पुदीने का रस, खीरे का रस, लौकी का रस तथा हरी सब्जियों का रस
- बिना पके हुए खाद्य-पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे हरी सब्जिया, अंकुरित अन्न, भीगी हुई किशमिश, मनूक्का, अंजीर, ताज़ा फल आदि.
- प्रतिदिन 1 ग्राम हल्दी खाए.
- गले के कैंसर को ठीक करने के लिए छोटी हरड़ का टुकड़ा दिन मे 2 बार भोजन करने के बाद चूसने से अधिक लाभ होता है.
- धूप मे शरीर की सिंकाई करनी चाहिए.
- जिस अंग पर सूजन तथा दर्द हो रहा हो उस पर बर्फ के पानी की ठंडी पट्टी रखनी चाहिए.
- खुली हवा मे विश्राम करना चाहिए तथा मानसिक चिंता-फ़िक्र को दूर करना चाहिए.
- गो-मूत्र का सेवन करने से कैंसर रोग जल्द ही ठीक हो जाता है.