त्वचा पर सफेद दाग
सफेद दाग कोई असाध्य रोग नही है. इसलिए इस रोग के होने पर किसी भी प्रकार की हीनभावना से ग्रस्त या निराश नही होना चाहिए बल्कि दाग होने पर बड़ी आसानी से कम समय मे इसका उपचार किया जा सकता है और उसको बढ़ने से रोका जा सकता है. [caption id="attachment_781" align="alignnone" width="731"] इस रोग के कारण शरीर के किसी भी भाग मे त्वचा पर छोटा सा दाग पीले रंग से शुरू होकर सफेद रंग का दाग बन जाता है. यह दाग फैलते हुए बड़े बड़े चकतो के रूप मे भी हो सकता है.[/caption] सफेद दाग का होने के कारण
- दूषित भोजन करने के कारण व्यक्ति के शरीर मे दूषित द्रव्य जमा हो जाते है. तब यह सफेद दाग का रोग व्यक्ति को हो सकता है.
- सफेद दाग कई प्रकार के रोग होने के कारण भी हो सकता है जैसे - पेचिश, कब्ज, चर्मरोग, टायफाइड, टीबी, एक्जिमा, दमा, मधुमेह, फोड़े, चोट, जलना और लीवर संबंधी रोग.
- मल-मुत्र के वेग को रोकने के कारण भी हो सकता है.
- शरीर के हार्मोन्स की गड़बड़ी के कारण भी यह रोग हो सकता है.
- ज़्यादा नमक, मिर्च मसाले वाले पदार्थ के खाने से भी यह रोग हो सकता है.
- घटिया प्रकार की बिंदी लगाने से. ब्लीचिंग का अधिक प्रयोग करने से भी यह रोग हो सकता है.
- शक्तिशाली एंटीबायोटिक और तेज दवाइयों का लेने से भी सफेद दाग का रोग हो सकता है.
- ज़्यादा नशीली चीज़ो का सेवन करने से भी यह रोग हो सकता है.
- कुछ दीनो तक फलों और सब्जियों का रस पीना चाहिए और फिर हरी सब्जिया और अंकुरित अन्न का सेवन बहुत लाभदायक होता है.
- सफेद दाग के रोगी को हर दो सप्ताह के बाद एक दिन उपवास करना चाहिए.
- खजूर, तुलसी, भिगोए हुए अंकुरित काले चने, अंजीर, त्रिफला और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर तथा नीम की पत्तियो का सेवन करने से यह रोग ठीक हो जाता है.
- रात को तांबे के बर्तन मे पानी भरकर रख दे और सुबह इस पानी को पीने से बहुत लाभ मिलता है.
- सफेद दाग होने वाले व्यक्ति को कॉफ़ी, चाय, चीनी, नमक, मिर्च-मसालेदार, डिब्बा बंद भोजन, नशीली पदार्थ, मांस और अंडे का सेवन नही करना चाहिए.
- पेट साफ रहना चाहिए ताकि पाचन क्रिया ठीक प्रकार से हो सके. रोगी को अपने पेट की सफाई करने के लिए एनिमा क्रिया करना चाहिए.
- सफेद दागो को तुलसी का रस मलने से कुछ ही दीनो मे सफेद दाग ख़त्म हो जाते है.