कुछ साल से यह देखने मे आया है की कम उम्र के लोगों मे भी मोतियाबिंद बनने लगा है. अल्ट्रावाइलेट किरने इसका मुख्य कारण हो सकता है. इसलिए तेज धूप और प्रदूषण से अपनी आंखों को बचाना बहुत ज़रूरी है. धूल-मिट्टी, वाहनों के धुए आदि से आंखों मे एलर्जी हो जाती है. eyes कंप्यूटर विजन सिंड्रोम कंप्यूटर और टेलीविज़न  आज की जीवन शैली का अभिन्न अंग बन गए है. कंप्यूटर का अधिक समय तक उपयोग करने वाले लोगों को सीवीएस हो सकता है. लगातार ग़लत तरीके से कुर्सी पर बैठने से गर्दन और कमर मे अकड़न हो जाती है. मॉनिटर के विकिरण से आंखों मे रूखापन आ जाता है. सीवीएस के लक्षण आंखों और सिर मे दर्द, आंखों मे सुखापन. इससे बचने के लिए कंप्यूटर स्क्रीन की ब्राइटनेस और कलर बहुत अधिक न रखे. एक-दो घंटे काम करने के बाद आंखों और शरीर को आराम दीजिए. किसी दूर की चीज़ को देखे, पानी अधिक पिए. विटामिन ए, सी का उपयोग करे. आंखों के मेकअप मे सावधानियाँ आंखों मे मेकअप मे काम मे आने वाली चीज़ों जैसे काजल, आई लाइनर, मस्कारा मे कई ऐसे रसायन होते है, जो आंखों मे एलर्जी और संक्रमण पैदा कर सकता है. हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले मेकअप के सामान का उपयोग करे. सोने से पहले पूरा मेकअप रूई और स्वच्छ पानी  से साफ करे. कॉन्टेक्ट लेंस के साथ सावधानिया कॉन्टेक्ट लेंस आंखों के नरंतर संपर्क मे रहते है इसलिए उन पर लगी हुई कोई भी गंदगी आंखों मे संक्रमण पैदा कर सकती है. गंभीर अवस्था मे यह कॉर्नियल अल्सर का रूप ले सकती है जो की नेत्र दृष्टि को प्रभावित कर सकती है. आंखों मे कॉन्टेक्ट लेंस लगाने और उतारने से पहले साबुन से हाथ धोए और उन्हे गंदे तौलिए और नेपकिन से न पूछे. लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से आंखों मे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और कुछ वर्षों मे कॉन्टेक्ट लेंस असहनीय हो जाता है. कोशिश करे की कम से कम समय तक ही कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग करे. रोजाना लगाए जाने वाले कॉन्टेक्ट लेंस हर वर्ष बदलना चाहिए. कॉन्टेक्ट लेंस पर डीपॉजिट होने पर उन्हे तुरंत बदले. लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से आंखों मे खुजली और दर्द होता है. ऐसे स्थिति मे कुछ महीनों तक कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग नही करना चाहिए और नेत्र रोग डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. लैसिक सर्जरी चश्मे अथवा कॉन्टेक्ट लेंस का अच्छा विकल्प है. आंखों को स्वच्छ पानी से दिन मे दो  बार धोने से एलर्जी का प्रभाव कुछ कम हो सकता है. आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से एंटी एलर्जिक ड्रॉप डाल सकते है.